
मैं तेरे सब कामों पर ध्यान करूँगा, और तेरे बड़े कामों को सोचूँगा। -भजन संहिता 77:12
भजनकार दाऊद ने लगातार परमेश्वर की भलाई, उसके कार्य, और उसके मार्गो के विषय में बात की। परमेश्वर की भलाई और उसके हाथों के अद्भुत कार्यों के विषय में सोचना यह बहुत अधिक ऊपर उठाने वाली बात है। मैं प्रकृति जीवन, समुद्री जीव, जानवर इत्यादि पर टेलीविज़न के कार्यक्रम देखने आनंद महसूस करती हूँ क्योंकि वे परमेश्वर की महानता और अद्भुदता और उसकी अनन्त रचनात्मकता का वर्णन करती है और कैसे वह अपने सामर्थ्य के द्वारा सब चीज़ों को संभालता है। (इब्रानियों 1:3 देखिए) परमेश्वर पर, उसके मार्गों पर, और उसके कार्यों पर ध्यान करना आपके वैचारिक जीवन का निरन्तर भाग बनना चाहिए यदि आप विजय के जीवन का अनुभव करना चाहते हैं।
मेरे पसंदीता वचनों में से भजन संहिता का वचन 17:15 जिसमें भजनकार ने परमेश्वर के बारे में ऐसा कहा है, “परन्तु मैं तो धर्मी होकर तेरे मुख का दर्शन करूँगा जब मैं जागूँगा तब तेरे स्वरूप से संतुष्ट हूँगा।” मैंने बहुत सारे अप्रसन्न दिन व्यतीत किए है क्योंकि हर सुबह जैसे ही मैं उठता था मैंने गलत बातों के विषय में सोचना प्रारंभ किया। इसके विपरीत मैंने यह जाना कि परमेश्वर के बारे में सोचना और हर सुबह उसके साथ संगति करना और अपने दिन को प्रारंभ करना ही वास्तव में मेरे जीवन को आन्नदित करता है। मैं सच में कह सकता हूँ कि मैं संतुष्ट हूँ क्योंकि जबसे पवित्र आत्मा ने मेरी मदद की है कि मैं अपने विचार यीशु में रखूँ जो मुझ में बसा हुआ है।